मैं मन जीता तो सब जीता,
मैं मन हारा तो सब हारा,
मैं मन जीता तो जग जीता,
मैं मन हारा तो जग हारा ।
मैं मन हारा तो जग हारा ।
मुझे चलते जाना आगे आगे,
मुझे बढ़ते जाना आगे आगे,
जब तन मन मेरे साथ में है,
फिर क्या पाना यहाँ मुश्किल है,
जब जिंदगी की गाड़ी चलती रहेगी,
फिर मंजिल करीब आ ही जाएगी,
मेरे मन में जो विश्वास जगा है,
फिर तो जहान मेरा सारा ।
अभी दूर तलक मुझे जाना है,
और हर मंजिल को पाना है,
चाहे दूर हो मेरी मंजिल,
लेकिन नही घबराना है,
आँखों ने देखे हैं जो सपने,
उन्हें पूरा करते जाना है,
चाहे कुछ दूरी हो दिलों से,
हर दूरी मुझे मिटाना है,
जिंदादिली का नाम जिंदगी,
मेरा तो ये जग सारा ।
चलो एक ऐसा जहान बनाए,
प्यार ही प्यार जहाँ पर हो,
नफरत की कोई बात चले नही,
मुश्किल में नही जिंदगी हो,
जो सोचे कुछ अच्छा ही तो,
फिर तो यहाँ जन्नत का नजारा ।
अमन
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