कुछ तो किया आकर दुनियाँ में,
कुछ खोया कुछ पाया दुनियाँ में,
कुछ खोया कुछ पाया दुनियाँ में,
कोई मंजिल नजदीक हुई तो,
कोई मंजिल दूर हुई,
जिंदगी को पर समझ ना पाया,
कुछ चाहा कुछ पाया दुनियाँ में l
कभी बेवजह की बातों में,
वक़्त गंवाते गया,
जो बोला इस मन ने,
इसकी बातों में आता गया,
कुछ अच्छा कुछ बुरा किया,
चैन कभी पाया दुनियाँ में l
भूलना भी अच्छा है,
जो बुरे समय को भूल गया,
खो देना भी अच्छा है,
जो अहंकार मन का खो दिया,
आगे बढ़ता रहा जीवन में,
कभी गम में कभी खुशियों में l
कल से कुछ जो सीखा तो,
आज मेरा ये संवर गया,
आज में जो जीना सीखा,
फिर तो जीवन निखर गया,
छोड़कर उदासियाँ सब,
मुस्कुराहटें हैं चेहरे पे l
Comments