सब अपनी जिंदगी के मालिक हैं,
क्यूँ किसी से नाराज मैं होऊँ,
क्यूँ किसी से नाराज मैं होऊँ,
सब अपनी किस्मत के मालिक हैं,
क्यूँ किसी से परेशान मैं होऊँ,
जिसको जो सही लगता है,
वैसा ही फिर वो करता है,
समझदार सभी तो है दुनियाँ में,
फिर क्यूँ किसी से हैरान मैं होऊँ l
मुश्किलें आती जीवन में,
मुश्किलें चली जाती है जीवन से,
जो मैं सोचूँ क्या वही ठीक है,
जो मैं जानूँ क्या वही ठीक है,
जिसकी जिंदगी उसके निर्णय,
फिर क्यूँ मन का मैं धीरज खोऊँ l
अपने दर्द दिखाई देते हैं,
औरों के दर्द नही दिखाई देते हैं,
कौन जी रहा कैसे जीवन,
हमदर्दी नही दिखाई देती है,
औरों के दर्द नही दिखाई देते हैं,
कौन जी रहा कैसे जीवन,
हमदर्दी नही दिखाई देती है,
सबकी सोच अलग दुनियाँ में,
फिर क्यूँ जीवन से नाराज मैं होऊँ l
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