तेरा ही नजारा

 


तेरा ही नजारा, हर तरफ तेरा ही नजारा, 
तेरा ही सहारा, तेरा ही उजियारा, 
तू ही फैला चहुँ दिशा में, तू ही बसा है कण कण  में, 
तेरे नूर से रोशन जहान है, तेरा नूर फैला है सबमें, 
तेरे ही उपकार अनेकों, हर तरफ तू ही है प्यारा  l

जो तुझको चाहा तो फिर क्या कमी है, 
तुझसे ही तो अम्बर ये जमीन है, 
तेरे ही तो रूप सभी है, तू है तो दुनियाँ ये हसीन है, 
सबको जीवन देनेवाले, प्रकृति में तेरा नजारा  l

तेरी ही तारीफ करूँ मैं, तेरा ही आभार करूँ मैं, 
तेरे सिवा कुछ नही है जग में, फिर किससे द्वेष करूँ मैं, 
सबमें बसनेवाले मालिक, खेल जगत में करनेवाले मालिक, 
सबको नाच नचानेवाले, सबकी किस्मत लिखनेवाले मालिक, 
सर्वसमर्थ हे सबके दाता, तेरा तो है गजब नजारा  l



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