जी लेता हूँ कुछ पल, जब भूल जाता हुँ कल,
कभी सोचता हूँ कि जिंदगी कितनी हसीन है,
कभी देखता हूँ कि जिंदगी कितनी खुशनसीब है,
कभी जिंदगी की खातिर कर लेता हूँ कुछ कर्म,
कभी पा लेता हूँ खुशियों के पल l
कभी सोचता हूँ कि जिंदगी कितनी हसीन है,
कभी देखता हूँ कि जिंदगी कितनी खुशनसीब है,
कभी जिंदगी की खातिर कर लेता हूँ कुछ कर्म,
कभी पा लेता हूँ खुशियों के पल l
किसकी बात करूँ, सब तो कुछ परेशान है,
क्या चाह करूँ, राहों कुछ तूफ़ान है,
मंजिल हरदम तो मिलती नही है,
किस्मत हरदम तो खुलती नही है,
क्या बात करूँ मन मैं कुछ सवाल है,
करता रहता हुँ आगे बढ़ने का यत्न l
क्या सोचूँ दुनियाँ में क्या पाया है,
क्या सोचूँ दुनियाँ मैं क्या गँवाया है,
कुछ खुशी मेरे मन में रह गई है,
कुछ हँसी मेरे लबों पे आ गई है,
करता हूँ जिंदा रहने के यत्न l
आज से कुछ दोस्ती मेरी हो गई है,
कल की फिक्र जैसे जीवन से खो गई है,
लगता है जीवन में कुछ अच्छा हो रहा है,
लगता है मन का कुछ बोझ कम हो रहा है,
कल की फिक्र जैसे जीवन से खो गई है,
लगता है जीवन में कुछ अच्छा हो रहा है,
लगता है मन का कुछ बोझ कम हो रहा है,
ऐसे ही पा लेता हूँ कुछ शुकून के पल l
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