कौन क्या सोचता है मत फिक्र करो,
कौन क्या कहता है मत फिक्र करो,
अपनी जिंदगी के तुम मालिक हो,
अपनी दुनियाँ के तुम मालिक हो,
कौन क्या समझता है मत फिक्र करो l
ये जिंदगी यूँ ही नही मिलती है,
खुशियाँ यूँ ही नही मिलती है,
हँसनेवालों के साथ तुम हँस लेना,
हँसने हँसाने की शुरुआत तुम कर देना,
जहाँ भी रहो, नई जिंदगी की शुरुआत करो l
तुमसे ही तो तुम्हारा ये जहान है,
तुमसे ही तो दुनियाँ में नमोनिशान है,
तुम देखोेगे तो दुनियाँ खूबसूरत नजर आयेगी,
तुम चाहोगे तो मंजिल भी मिल जायेगी,
छोड़के गम दुनियाँ में मुस्कुराया करो l
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