Tuesday, November 14, 2023

मन मेरे तू किन बातों में घूम रहा

मन मेरे तू किन बातों में घूम रहा, 
मन मेरे तू किन बातों में फंस रहा, 
जो तू भागा फिरता जग में, 
क्या पाया है तूने जग से, 
बातें तेरी समझ ना आए, 
क्या चाहे तू समझ ना आए, 
मन मेरे तू किन बातों में अटक रहा  l  

जो तू बदले तू खुद को, 
जीवन बदले मेरा पल में, 
रब का ध्यान जो तू करले, 
कष्ट मिटेंगें जन्म जन्म के, 
मन मेरे तू किसकी चाह कर  रहा l   

कल गया और आज भी जाए, 
यूँ ही जीवन बीता जाए, 
सोच तेरी से होता सब कुछ, 
जो तू सोचे, वैसा ही होवे, 
मन मेरे तू क्यूँ नही खुद को बदल रहा  l

तेरी बात है गजब निराली, 
तू करता सबकी रखवाली, 
तेरी बातें जग से निराली, 
तेरी ख्वाहिशें सबसे निराली, 
मन मेरे तू क्यूँ नही आदत बदल रहा  l

तू चाहे जो किसी का अच्छा, 
तू सोचे जो किसी का अच्छा, 
फिर तो दुनियाँ बदल ये जाए, 
फिर हो जाए सभी का अच्छा, 
मन मेरे तू क्यूँ नही दुनियाँ बदल रहा  l


Good morning🥱



Thank you. 

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