ये जीवन सुख और दुख से भरा हुआ है,
कभी जीवन अच्छा लगता है तो
कभी जीवन में कमी नजर आने लगती है,
कभी जीवन खुशियोंभरा दिखता है तो
कभी जीवन में मुश्किलें नजर आने लगती है,
कभी ये जीवन अपना सा लगता है तो
कभी ये जीवन, बेगाना सा दिखता है l
हम जीवन में संतुष्ट क्यों नही हो पाते हैं,
क्या हमें संतुष्ट होना चाहिए,
क्या हमें जीवन को
आगे ले जाने के बारे में सोचना चाहिए,
या फिर हमें शांत होकर बैठ जाना चाहिए,
कभी जीवन खुशनुमा लगता है,
कभी जीवन उकता हुआ सा लगता है l
जैसा भी हो, जीवन तो ये हमारा है,
जो भी साथ में है, वह जीने का सहारा है,
जीवन में हरदम उदास रहना अच्छा नही है,
जीवन में हरदम परेशान रहना अच्छा नही है,
छोटी छोटी बातों में हमें जीने की खुशियाँ ढूंढनी है,
दुनियाँ में कैसे खुश रहा जाए, कोई मकसद ढूँढना है,
जीवन जैसा भी हो, ये तो अपना ही दिखता है l
Thank You.
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