मै क्या चाहता हूँ, मेरी अर्जी, तू क्या करता है तेरी मर्जी, मैं जो सोचूँ शायद पूरा हो, पर तू जो सोचे जरूर पूरा हो, मैं क्या देखूँ मेरी मर्जी, पर तू क्या दिखलाए तेरी मर्जी l तेरी ही अदाएँ सब में है, तेरी ही वफ़ाएँ सब में हँ, तेरा ही नूर सब में है, तू ही भरपूर सबमे है, तू क्या देवे क्या लेवे, तेरी मर्जी l तुझसे ही तो दुनियाँ में खुशियाँ हैं, तुझसे ही तो जहानवाले प्रसनन है, तू जो देखता है वह प्यारा है, तू जो दिखलाता है वह प्यारा है, तू क्या करना चाहता है, तेरी मर्जी l
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