अगर आप स्वय को कमजोर समझते हो तो गलत समझते हो, क्योंकि आपमें तो परमात्मा की अपार शक्तियों का नित्य संचालन होता रहता है, आप अगर स्वयं को कुछ पहचानो तो कुछ बात बने, आप के विचार आपको बेहद मजबूत बनाते हैं, और जब आप निर्विचार् होते उस वक्त भी आप मजबूत बनते हैं, अगर आपका शरीर कमजोर है तो पोस्टिक खान पान रखिये और सबसे जरूरी है तन और मन का स्वच्छ होना, एक पल का मन में विकार हमारा बहुत बड़ा नुकसान कर सकता है, हमारा मन बीमार हो सकता है, और जरा सा गलत खान पान हमारे शरीर को बीमार कर सकता है, अगर आपका तन मन सही है तो फिर जीवन भी सही है और जब आपका जीवन सही है तो आप सही है, तो फिर सब कुछ सही है, खूब कमाओ, खर्चों और हो सके तो कुछ भविष्य के लिए भी बचाओ चिंता करने से कोई फायदा नही अपितु कुछ कार्य करने से कुछ फायदा हो सकता है, अपने मन को एकाग्र करो और अपनी जीत करो l
उदासियाँ सब छोड़ दो, अब मन को अपने मोड दो, दिल तो कुछ कहता रहेगा, मन तो कुछ कहता रहेगा, ये जिंदगी तो जीने के लिए है, जिंदगी से रिश्ता जोड़ दो l कहीं अपनापन मिल जाता है, कोई पास आकर भी दूर हो जाता है, ये जिंदगी फिर भी चलती रहती है, कभी सपना, सपना रह जाता है, इस जिंदगी को जीने के लिए, खुशियों से रिश्ता जोड़ दो l भूलकर के सारे गम, चल पड़े हैं जो आगे कदम, कोई जितना साथ निभा दे वह अच्छा, वरना अकेले का सफर भी होगा उत्तम, जब तक है ये जिंदगी, इस सफर को सुहाना बना दो l Thank you.
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