कभी सोचे कि हम दुनियाँ में क्या करने आये थे, क्या करना चाहते थे और क्या करने लगे l हम कहाँ से चले थे, कहाँ पर हैं और हमें कहाँ जाना है l हमारी मंजिल कहाँ हैं या फिर हम अपना सफर बिना लक्ष्य के हैं , हम जीवन रूपी गाड़ी में बैठ तो गए हैं हमें पता भी है कि इस जीवन का सफर जल्दी ही खत्म हो जाएगा लेकिन हमें पता ही नही कि जब यह जीवन रूपी गाड़ी रुकेगी तो हम फिर कहाँ जाएगें l
उदासियाँ सब छोड़ दो, अब मन को अपने मोड दो, दिल तो कुछ कहता रहेगा, मन तो कुछ कहता रहेगा, ये जिंदगी तो जीने के लिए है, जिंदगी से रिश्ता जोड़ दो l कहीं अपनापन मिल जाता है, कोई पास आकर भी दूर हो जाता है, ये जिंदगी फिर भी चलती रहती है, कभी सपना, सपना रह जाता है, इस जिंदगी को जीने के लिए, खुशियों से रिश्ता जोड़ दो l भूलकर के सारे गम, चल पड़े हैं जो आगे कदम, कोई जितना साथ निभा दे वह अच्छा, वरना अकेले का सफर भी होगा उत्तम, जब तक है ये जिंदगी, इस सफर को सुहाना बना दो l Thank you.
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