क्यूँ दुख को गले लगा लिया......

 क्यो दुख को गले से लगा लिया, 

क्यों दुख को मन मे बसा लिया, 

जीने के बहाने बहुत यहाँ है, 

हँसने के बहाने बहुत यहाँ है, 

क्यों मन दुनियाँ में उलझा लिया l


कुछ पाने के इरादे और यहाँ कर, 

जीने के इरादे और यहाँ कर, 

माना ये जिंदगी छोटी है, 

आगे बढ़ने के इरादे और यहाँ कर, 

किस्मत बनती-बिगड़ती रहती है, 

क्यूँ ना प्यार दिल मे बसा लिया l


और जमीन पर खुशियाँ आए, 

और गगन ये महकता जाए, 

सारे जहान मे प्यार की खुशबू फैले 

रोशन हर दिल होता जाए, 

अपनापन भी मिलेगा जग से, 

अमन क्यूँ ना आगे हाथ बढ़ा लिया l






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