Wednesday, February 16, 2022

I want live more

 कुछ और जी लूँ , 

इस पल को और जी लूँ, 

कहाँ पल पल भटकता जग में, 

कहाँ कहाँ दिल मचलता जग में, 

कुछ और जी लूँ,  मैं और जी लूँ l


मैं छोडूँ अपनी मनमानी को, 

मैं छोडूँ अपनी आना कानी को, 

मैं छोडूँ अपनी झूठी जिद्द को, 

मैं छोडूँ अपने अहंकार को, 

थोड़ा और जी लूँ, 

मैं थोड़ा और जी लूँ l


कुछ सपने भी सच होते, 

कुछ अपने भी संग होते, 

कुछ यादों के मौसम हँ, 

कुछ वादों के मौसम हँ, 

कुछ दिल में प्यार भर लूँ, 

मैं और जी लूँ l

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