सर्वेश्वर हे जहान के मालिक, जगतपिता हे विश्व के मालिक, सर्वनियंता, हे सुखसागर, पारबृह्म, हे आनंदसागर, जीव जीव में वास आपका, परमपिता, हे ब्रहमांड के मालिक, दया करो, हे पालनहारे, तेरे ही गुण गाएं सब प्राणी, तेरी याद रहे नित्य भगवन्, तेरी दया रहे नित्य भगवन्, कृपा करो, सब लोकों के मालिक l मन मन्दिर में आप बसे हो, कण कण में प्रभु आप बसे हो, तेरी ही मुस्कुराहट है सबमें, तेरी ही हँसी है सबमें, सबके दुख हरनेवाले मालिक, तुम ही सबके दिल में बसे हो, रूप तेरा, इस मन को भाये, स्वरूप तेरा सारे जगत में फैला, सदचिदानंदघन, हे परमात्मा, तू ही तो सब सृष्टि में फैला, कुछ भी नही है तुझसे खाली, पास में तुम हो, दूर भी तुम हो, देख रहे हो सबकी हालत, सब पर करुणा कर दो हे मालिक l जग में आकर, खुद नही जाना, फिर क्या, इस दुनियाँ में जाना, मनुष्य तन पाकर तुझको नही जाना, फिर क्या इस जीवन में जाना, नाम तेरा लेकर के भगवन्, जीव पार यहाँ से, सब हो जाए, तुझसे प्रीत करके हे मालिक, किस्मतवाले, सब बन जाते, शरण आपकी प्यारी लागे, अपने चरणों में रख लो मालिक l Thank You.