यहाँ किस तरह का जीवन हो, यहाँ किस तरह की सोच हो, जीवन में अगर सुधार हो तो, जीवन ये निखर जाए, दिल में अगर प्यार हो तो, जीवन ये सँवर जाए, यहाँ किस तरह की बातें हो, यहाँ किस तरह के काम हो क्या जीवन में, खुशी की तलाश हो, यहाँ जीवन का कैसा व्यवहार हो l क्या जीवन, सच्चा-साधा हो, क्या जीवन, यहाँ चालाक हो, क्या जीवन रहे, झूठ के रास्ते पे, क्या जीवन, सच के साथ हो, जीवन को जीता है कौन, जीवन को पहचानता है कौन, जीवन को समझता है कौन, जीवन को जानता है कौन, कीडे़ मकोड़े भी जीते हैं जीवन, इंसान की अलग पहचान हो l मन की सोच जैसी हो, वैसा ये जीवन बनता है, जैसे काम करे, दुनियाँ में, उस तरह का जीवन बनता है, जीवन तो अपनी ही धुन में, आगे ही बढ़ता जाता है, लेकिन ये मन, इस जीवन को, अच्छा बुरा बनाता है, जीवन मिलता है परमात्मा से, उसको ही ये अर्पण हो l Thank You.