कौन यहाँ किस हाल में जीता,
किसी को किसी की खबर कहाँ,
मुश्किल घड़ियाँ आ जाती तो,
जिंदगी कहाँ और किधर चले l
कैसे जीये जीवन को
कैसे रहे इस दुनियाँ में,
किसको समझे अपना यहाँ,
ये बात समझ में आ जाए l
किस्मत तो बनती बिगड़ती रहती,
यहाँ क्या खोना और क्या पाना है,
मुश्किलें आती जाती रहती,
क्या मुश्किलों से घबराना है,
जैसा चाहो वैसा जीयो,
मंजिल तुम से दूर कहाँ l
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