दुनियाँ में कुछ भी अपने आप नही होता,
लोग कुछ ना कुछ करते रहते हैं,
और कुछ हो जाता है,
तो कभी कुछ का कुछ हो जाता है,
कभी अच्छा तो कभी बुरा हो जाता है l
कभी ये जिंदगी खुशियों भरी बन जाती है,
तो कभी ये जिंदगी मुश्किलों से भर जाती है,
कुछ चाहत पूरी हो जाती है,
तो कुछ चाहत अधूरी रह जाती है,
दुनियाँ में कोई कुछ ना कुछ करता है,
और कुछ हो जाता है l
तुम कुछ करो तो सही,
जहान की तरक्की करो तो सही,
कुछ ना करने से कुछ तो करना अच्छा है,
गुमसुम रहने से कुछ बोलना तो अच्छा है,
दुनियाँ में अपनेआप कुछ नही मिलता,
कुछ पाने के लिए पर्यास तो करना पड़ता है।
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