चलता चल तू राही,
आगे बढ़ता चल तू राही,
कुछ लोग तुझे अच्छा बोलेंगे,
कुछ लोग तुझे बुरा कहेंगें,
जितने मुँह उतनी बातें हैं,
कभी दिन तो कभी रातें हैं,
अपना रास्ता तय करता चल तू राही l
कभी शोर करना अच्छा लगता तो,
कभी खामोश रहना अच्छा लगता है,
कभी चलते रहना अच्छा लगता तो,
कभी आराम करना अच्छा लगता है,
यूँ ही चलती जाए जिंदगानी,
खुद को कामयाब करता चल तू राही l
जीवन में तुझे चलते जाना है,
कदम आगे रखते जाना है,
कभी खोएगा, कभी पाएगा,
और हौसला मन में भरते जाना है,
काहे को परेशान फिरे तु,
बेफिक्र हो तू राही l
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