मंजिलो की तलाश में चलता रहा है कारवाँ,
कभी मिल गई, कभी नही मिली,
फिर भी बढ़ता रहा है हौसला,
चाँद सूरज आसमान मेें फिरते रहे बेफिक्र से,
सब चले अपनी ही धुन में,
सब ढूँढते हैं आशियाँ l
उदास होकर क्या है फायदा,
उदास होकर क्या जीना,
जब तक है ये जिंदगी,
खुश होकर ही रहना,
चलते फिरते चले जाएँ जहान से,
ना किसी से रहे गिला l
और प्यार और चाहत और
और हँसी और खुशी,
आँखों में हो नए सपने
पूरा करने की चाहत भी
अपनापन रखे इस दिल में
छोड़ दे शिकवा करना l
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