अगर जिंदगी को जीये ना सही से,
तो जिंदगी हमें क्या सही रहेगी,
अगर दुनियाँ में रहे न सही से,
तो दुनियाँ हमें क्या कभी राह देगी,
छोड़ें भटकना, रहे सुकून से,
होगी खुशियों में जिंदगी, जहाँ भी रहेगी l
मुश्किल भरी है, चाहे राहें हमारी,
जिंदगी बनी क्यूँ यहाँ पे बेचारी,
आगे बढ़ना जो सीख लिया है,
मंजिल की तरफ जो कदम रख दिया है,
चाहत भी पूरी होकर रहेगी l
खुद को संभाला जो इस जहान में,
गम और खुशी तो आते जाते रहेंगी,
मन जो चला है सही दिशा में,
फिर क्या फिकर है इस जहान में,
चलना अभी तो दूर तलक है,
जिंदगी क्यूँ धोखा देगी हमारी l
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