मन मेरे तू काहे हुआ उदास,
मन मेरे क्या चिंता की है बात,
कुछ सोच तेरी तो ऐसी है,
दुनियाँ भर की चिंता तुझको है,
आराम से रहना नही आदत तेरी,
खुशियाँ पाना नही आदत तेरी,
मन मेरे तु क्यूँ नही देता मेरा साथ ।
दुनियाँ से खुशियाँ तलाश रहा,
नही खुद के अंदर झांक रहा,
तेरे पास ही सब जागीरें हैं,
तुझसे बनती तकदीरें है,
मन मेरे तू नीयत कर ले साफ ।
जो तू सोचे अच्छा ही,
जीवन बन जाए अच्छा भी,
जो तेरे हो कदम सही राह पर,
तो अरमान होवे पूरे भी,
मन मेरे तू सोच उलटी बात ।
अमन
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