जीवन भर सफर में रहा,
कभी यहाँ चला, कभी वहाँ चला,
कदम आगे बढ़ते रहे,
कभी थक गया, फिर चल पड़ा ।
मुश्किलें भी आती गई,
और जिंदगी फिर भी चलती रही,
कभी हँस लिया, कभी रो लिया,
जिंदगी का साथ देता गया ।
मंजिल चाहे मेरी दूर हो ,
फिर भी मुझसे दूर नही,
सपने चाहे धुंधले ही है,
पर आँखों में भरपूर है,
जिंदगी के इस सफर में,
कुछ खो दिया, कुछ पा लिया ।
Aman
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