जब जिंदगी प्यारी लगने लगे,
जब सब होशियारी मिटने लगे,
जब अहंकार भी दम तोड़े,
जब इंसान दिल से दिल जोड़े,
तब नई उमंगे जगने लगे ।
जब छोड़े झूठी शानो-शौकत,
जब जीये जग में इंसान बनकर,
जब खामोशी में जीना हो,
जब औरों की खातिर जीना हो,
तब दुनियाँ प्यारी लगने लगे ।
जब स्वार्थ के नही रिश्ते हो,
जब एक दूजे को समझते हो,
जब आँखों में नए सपने हो,
जब दिखते सारे अपने हो,
तब मुश्किल जीवन से मिटने लगे ।
Aman
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