Tuesday, November 15, 2022

मन की दुविधा छोड़ो

मन की दुविधा छोड़ो, 
दिल से दिल को जोड़ो, 
आँखों में सपने सजा के, 
मंजिल पथ पर दौड़ो  । 

जिंदगी तो वृक्ष की तरह, 
फल, फूल, छाया, लकड़ी देता, 
अंत समय तक जीवन, 
सबको खुशियाँ देता, 
सोचो जीवन दरिया, 
देखो तो जीवन सागर, 
चाहत पूरी करने है, 
बेमतलब की चिंता छोड़ो  । 

किसकी परवाह करते हो, 
सब अपनी धुन पे सवार है, 
तुम्हें रास्ते नए बनाने, 
जीवन तो ये बेशुमार है, 
अपनापन लेकर दिल में 
सारे जग से रिश्ता जोड़ो  । 

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