क्या कहूँ, क्या लिखूँ

क्या कहूँ, क्या लिखूँ, 
कुछ भी याद नही आ रहा, 
जो मन में था, वह भी भूल गया, 
कुछ भी तो समझ नही आ रहा, 
जैसे ये जिंदगी चलाए, 
वैसे ही चलना पड़ता है, 
जैसे वह रब चलाए, 
वैसे ही चलना पड़ता है, 
उसकी मर्जी, उसकी इच्छा से, 
जीवन ये चलता जा रहा  l

हर पल दिखती, नई जिंदगी, 
हर पल मन में, ख्वाब नए आए, 
कुछ सोचे, कुछ करना चाहे, 
कैसी ये जिंदगी, जो चलती जाए, 
जो शुरू किया तो, आगे बढ़ना, 
पीछे को नही ये जाये, 
अपनी धुन में मग्न रहे तो, 
जिंदगी नई खुशियाँ पाए, 
चाहत भरी जिंदगी में, 
कोई रास्ता नजर तो आ रहा  l

कुछ बात तो है जिंदगी में, 
जो अपनी नजर ये आती है, 
मंजिल चाहे दूर हो कितनी, 
ये आगे बढ़ती जाती है, 
कुछ नही चाहता था लिखना, 
पर कुछ तो अब लिख डाला है, 
शुरू करने की देर है वरना, 
कुछ भी मुश्किल नही पाता हूँ, 
ये जिंदगी भी ऐसे ही चलती, 
लगता हर ख्वाब पूरा हो रहा  l



Thank you. 

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