चल पड़े हैं मेरे कदम वहाँ,
जहाँ पर जीवन का बाग हो,
रूखे सूखे इस जीवन को,
अपनेपन का अहसास हो l
मेरा जीवन, क्या काम है आया,
किसलिए इस दुनियाँ में आया,
मेरे चेहरे पर मुस्कान रही ना,
क्यों चेहरों पर मुस्कान ना लाया,
मेरे चेहरे पर मुस्कान रही ना,
क्यों चेहरों पर मुस्कान ना लाया,
जीवन नही ये बेमकसद् का,
किसी के लिए,
कुछ करने का प्रयास हो l
मेरा जीवन, ये क्या जीवन है,
जो औरों का दुख दर्द ना समझा,
अपनी धुन में मग्न क्यों इतना,
जीवन लगता, सुंदर सपना,
कुछ ख्वाइशें, पूरी हो गई,
पर जीवन नही ये समझ में आया l
Thank you.
Comments