जब औरों को समझा ही नही

जब औरों को समझा ही नही, 
तो क्या फायदा यहाँ जीने का, 
जब खुद को समझा ही नही, 
तो क्या फायदा यहाँ रहने का l

सबकी किस्मत रब ने लिखी, 
खुद की किस्मत खुद ने लिखी, 
जब किसी की खातिर,
कुछ किया ही नही, 
तो क्या फायदा यहाँ रहने का  l

लोग समझते जिनको अच्छा, 
क्या वे सच में अच्छे होते हैं, 
औरों की कमियाँ ढूँढते फिरते
खुद की कमियाँ, खुद ही नही जाने, 
जब मदद किसी की ही नही, 
तो क्या फायदा, यहाँ जीने का l

Thank you. 

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