कौन यहाँ पर अपना

कौन यहाँ पर अपना, 
कौन यहाँ बेगाना, 
सबका साथ है थोड़ा, 
छोड़ के सब चले जाना, 
किससे मोह करे यहाँ, 
क्या करें, यहाँ क्या छोड़ें, 
मुसाफिर यहाँ हूँ यारों, 
नही मेरा कोई ठिकाना, 
चलते फिरते, गुजरे जिंदगी, 
किसका साथ है पाना  l

कल जो मीत बने थे, 
आज हुए हैं पराये, 
कल अपने जो थे दिखते, 
वे तो हुए बेगाने, 
कैसी मिली ये जिंदगी, 
कुछ हँसी, कुछ गम है, 
चाहत कुछ है ज्यादा, 
यहाँ क्या पाना, संभव है, 
छूट रही है साँसे, 
एक दिन, 
सब छोड़कर, चले जाना  l

कभी आँखों में सपने हैं, 
कभी आँखों में आसूँ है, 
कभी मन में ख्वाब है पलते, 
कुछ जिंदगी के सपने है, 
सब कुछ छूटता जाता, 
खाली हाथ रहते हैं, 
एक दिन सब छूट जाए, 
फिर काहे को पकड़े हैं, 
एक वही, मंजिल है अपनी, 
फिर क्या, 
दुनियाँ से दिल लगाना l


Thank you. 

Comments

Popular posts from this blog

Why I am here