मैं तो चाहता हूँ कि सब कुछ ठीक हो जाए,
पर मेरी मर्जी से कुछ भी होता नही है,
मैं टी चाहता हूँ कि ये जीवन ठीक हो जाए,
पर जीवन ठीक कुछ होता नही है,
मैं कहता हूँ कि मेरी तकदीर मेरी मर्जी से बनती है,
पर जीवन में कुछ भी होता नही है l
अपने मन को मैं खुद ही बहला लेता हूँ,
अपने आप को मैं खुद ही समझा लेता हूँ,
कुछ अच्छा सोचकर, आगे बढ़ता जाता हूँ,
कुछ नया सोचकर, जीवन जीये जाता हूँ,
पर क्यूँ जीवन में शुकून मिलता नही है l
माना हँसना अच्छा है,
माना खुश रहना अच्छा है,
माना जीवन में प्यार करना अच्छा है,
माना जीवन से प्यार करना अच्छा है,
पर क्यूँ जीवन में प्यार मिलता नही है l
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