मुश्किल से ऐसा जीवन मिलता है,
फिर ऐसा जीवन कहाँ मिलता है,
खो दिया जो अहंकार में,
फिर कहाँ ये जीवन मिलता है l
दुनियाँ में आकर जो नही अच्छे काम किये,
जीवन पाकर जो नही अच्छे काम किये,
खुदगर्जी में वक़्त जो बर्बाद किया,
औरों की खुशी के लिए जो नही काम किया,
फिर कहाँ फूल प्यार का खिलता है l
आशाएँ तो दिल में रखी,
चाहते भी इस मन में रखी,
मैं ये पाऊँ, मैं वो पाऊँ,
मैं इस दुनियाँ में सब पाऊँ,
अपनापन हो जो सीने में,
फिर कमल दिल का खिलता है l
हर कोई है मेहमान यहाँ,
यहाँ कोई भी सदा नही रहता,
जाना पड़े सबको दुनियाँ छोड़कर,
सब कुछ यहाँ पर रहता,
इस दुनियाँ के मेले में,
कोई बिछुड़े , कोई मिलता है l
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