इस दुनियाँ में भला कौन तेरा है,
जिसके लिए मारा मारा फिरता,
इस दुनियाँ मै क्या तेरा है,
जिसे पाने को ललचाया फिरता l
घडी दो घडी की है ये जिंदगी,
पता नही कब क्या हो जाए,
मुश्किलों से यहाँ कौन बचा है,
जीवन तो सागर सा दिखता l
आज फिकर में क्यूँ रहता है,
आज को तो जी ले तू,
कल का तो कुछ पता नही है,
आज की जिंदगी जी ले तू,
छोड़ तू अपनी मनमानी,
अमन छोड़ तुझे क्या अच्छा लगता l
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