मन तू क्यूँ ना शुक्र करे,
मन तू क्यूँ ना धीर धरे,
जो पाया क्या काफी नही है,
जो मिला क्या अच्छा नही है,
आज में जी ले, कल क्या भरोसा,
तू क्यूँ ना चैन से रहे l
इस दुनियाँ में तो सब मिलता है,
अच्छा - बुरा यहाँ सब मिलता है,
जिंदा हैं तो कुछ कर लेंगे,
दुनियाँ में है तो कुछ पा लेंगे,
मन तू क्यूँ ना खुश रहे l
और जहान ये प्यारा लागे,
हर इंसान यहाँ प्यारा लागे,
नफरत दिल में आ नही पाए,
जीवन सबका प्यारा लागे,
अमन तू क्यूँ ना रब को याद करे l
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