Thursday, December 22, 2022

चलते रहे, चलते रहे, अपनी धुन में चलते रहे

चलते रहे, चलते रहे, 
अपनी धुन में चलते रहे, 
आगे आगे बढ़ते रहे, 
अपनी धुन में आगे बढ़ते रहे , 
कभी  सुबह तो कभी दोपहर में, 
कभी शाम तो कभी रात में, 
कुछ नया करने की चाह में, 
कदम कदम चलते रहे  । 

कभी बेवजह, कभी वजह से, 
कभी इस जगह, कभी उस जगह पे, 
आशा निराशाओं के बीच में, 
गम और खुशी के बीच में, 
अच्छे बुरे को भूलकर, 
अपने पराये को भूलकर, 
मंजिल की ओर बढ़ते रहे  । 

भावनाएं किसी की आहत ना हो, 
ऐसा प्रयास करते रहे, 
सबको खुश करने की कोशिश की, 
हम चाहे परेशान रहे, 
नही औरों के लिए मुश्किल खड़ी की, 
भूलकर दुनियाँभर की बातें, 
इस दुनियाँ में चलते रहे  । 

Aman

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