मेरी हँसी कहाँ खो गई,
मेरी खुशी कहाँ खो गई,
मेरी खुशी कहाँ खो गई,
क्या क्या ढूँढ रहा दुनियाँ में,
मेरि जिंदगी कहाँ खो गई ।
कुछ बात समझ नही आए,
क्यूँ मन के फूल मुरझाए,
कुछ सोच रहा है मन ये,
कुछ समझ रहा है मन ये,
मेरी मंजिल कहाँ खो गई ।
मुश्किल है मन को समझाना,
मुश्किल है दिल को समझाना,
काहे को है ये उदासी,
रूह लगता है जन्मों से प्यासी,
अपनों से बातें करके,
लगा चाहत पूरी हो गई ।
जब जब ये मन मुस्काए,
खुशियाँ इस जीवन में आए,
किसी से गिला नही कोई शिकायत,
प्रीत सी खुद से हो गई,
मेरी हँसी मिल गई,
मेरी खुशी मिल गई ।
Aman
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