Wednesday, December 7, 2022

मन तू काहे हुआ उदास

तू काहे हुआ उदास,
तेरी मंजिल तेरे पास,
फिक्र अगर औरों की करता,
फिक्र अगर अपनों की करता,
फिक्र में जिंदगी तेरी गुजरती, 
जो चिंता तेरे साथ है चलती, 
फिर कहाँ खुशियाँ तेरे पास  ।

जीना है तो ऐसे जीयो, 
किसी के लिए कुछ करके जीओ, 
किसी के जीवन में खुशी भर सको तुम, 
किसी के दिल में बस सको तुम, 
फिर काहे को उदास  । 

आज तेरा है फिर क्यूँ फिक्र है, 
सब पास है तेरे फिर क्यूँ लालच है, 
छोड़ दे तू झूठी उम्मीदें, 
तोड़ दे  तू खुद की जंजीरें, 
तू सीख ले हँसना आज  । 


Aman

No comments:

हे ईश्वर, तू ही मेरा

हे ईश्वर, तू ही मेरा,  तू ही तो है सबका,  तेरा सबसे है रिश्ता,  तेरा जग से है रिश्ता,  हे गोविंद, तू ही मेरा,  तू ही तो है, सबका  l तेरा तो ...